राजस्थान की प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यताएँ
कालीबंगा
- राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर जो पहले प्राचीन काल में सरस्वती नदी कहलाती थी, के किनारे पर स्थित हड़प्पा कालीन सभ्यता स्थल कालीबंगा की खोज सन 1951 में अमलानंद घोष ने की थी।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की और से बी.बी.लाल और बी.के. थापर के संयुक्त निर्देशन में यहाँ उत्ख्ननन कार्य किया गया।
- कालीबंगा से मुख्य रूप से दो टीले मिले है जिसमे से एक छोटा और ऊँचा है जो पश्चिम में और दूसरा तिला विस्तृत एवं अपेक्षाकृत निम्न जो पूर्व में है। इस छोटे टीले के निम्न स्तरों में हड़प्पा सभ्यता से भी पूर्व काल की सभ्यता की पुरावशेष प्राप्त हुए है\ जिसे पुरातत्ववेत्ताओं ने "प्राकहड़प्पा युगीन संस्कृति" नाम दिया।
- छोटे टीले के उत्खंनन से यह सिद्ध हुआ है की लगभग 2500 ई. पूर्व में सरस्वती नदी के किनारे "प्राकहड़प्पा युगीन संस्कृति" के लोग रहते थे और कुछ समय के ये यहाँ से कहीं और चले गये, यह स्थान फिर वीरान हो गया। तत्पश्चात यहाँ प्राकहड़प्पा निवासियों के भाग्नावेषों के ऊपर हड़प्पा संस्कृति के निवासियों ने दुर्ग बनाया तथा इसके पूर्वी भाग में नगर बसाया। इस प्रकार कालीबंगा में हमें दो संस्कृतियों के पुरावशेष प्राप्त हुए है:-
- प्राकहड़प्पा संस्कृति
- हड़प्पा युगीन संस्कृति